Saturday, 28 March 2015

Naya Savera

॥ नया सवेरा ॥

कितने तारे टूटे कितने संवर गए
इक रात के आगोश में सब बदल गए
जो दाग पड़े थे अंधियारे में खो गए
हम सब भी तो मतवाले से हो गए
अब दिन निकला तो सोचा, गोया, नया सवेरा!
नयी सोच, नयी राह और नया इशारा! 
पर ये क्या? फिर दाग पुराने निखर गए
हम उनको ही मिटाने में फिर सिमट गए
बस रात-दिन, दिन-रात यूँ ही कट गए
हम अपने उन दागों में उलझे रह गये।

- अभिनव सहाय 
* गोया means "As-If"


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